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विजय माल्या, नीरव मोदी समेत तमाम ऐसे लोग जो बैंक से करोड़ो रुपए लेकर विदेश भाग जाते हैं अब उनकी खैर नहीं है। ऐसे लोगों को रोकने के लिए मोदी सरकार द्वारा लाए गए भगोड़े आर्थिक अपराधी अध्यादेश-2018 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपनी मंजूरी दे दी है। राष्ट्रपति कोविंद की मंजूरी मिलने के साथ ही अब ये कानून बन गया है जिसमें अब अधिकारियों को बैंकों के साथ धोखाधड़ी और जानबूझ कर कर्ज न चुकाने जैसे आर्थिक अपराध कर देश से भागने वाले लोगों की प्रापर्टी जब्त करने की कार्रवाई करने का अधिकार मिल गया है। इस कानून के आने के बाद अब विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी जैसे भगोड़ों पर भी नकेल कसेगी।
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यह कानून उन लोगों पर लागू होगा जिनपर 100 करोड़ रुपए से अधिक का बैंक कर्ज है और वे देश छोड़कर भाग चुके हैं. साथ ही जिनके खिलाफ अदालत ने वारंट जारी किया है।
भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक, 2018 राज्यसभा में 25 जुलाई को पारित हुआ था। जबकि लोकसभा ने इस विधेयक को 19 जुलाई को मंजूरी दी थी।
इस कानून के तहत न्यूनतम 100 करोड़ रुपये की सीमा को उचित ठहराते हुए वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने हाल में संसद में कहा था कि इसके पीछे मकसद बड़े अपराधियों को पकड़ना है। उन्होंने कहा था कि कानून के तहत प्रवर्तन निदेशालय जांच एजेंसी का काम करेगा।
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