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रामलला विराजमान के वकील वैद्यनाथन की तरफ से एक बार फिर पक्ष रखा गया। वैद्यनाथन ने कहा कि जहां मस्जिद बनाई गई थी उसके नीचे एक विशाल निर्माण था। उन्होंने सबसे पहले भारतीय पुरातत्व विभाग (एएसआई) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा रिपोर्ट मुताबिक वह हिंदू मंदिर था। सीएस वैद्यनाथन ने कहा कि बाबरी मस्जिद के नीचे जिस तरह का स्ट्रक्चर था, उसकी बनावट एवं उसके निर्माण के तरीके और उसमें भगवान के चिन्ह बताते हैं कि वहां पहले से मंदिर था, पहले मुस्लिम पक्ष मंदिर के स्ट्रक्चर को ही मना करता था, लेकिन बाद में वो कहने लगे कि स्ट्रक्चर तो था, लेकिन वो एक इस्लामिक स्ट्रक्चर की तरह था।
आपको बता दें पिछली बार सुनवाई में रामलला विराजमान के वकील सीएस वैद्यनाथन ने कोर्ट को विवादित ज़मीन के नक्शे और फोटोग्राफ दिखाते हुए कहा था कि खुदाई के दौरान मिले खंभों में भगवान श्रीकृष्ण, शिव तांडव और श्रीराम की बालरूप की तस्वीरें नज़र आती हैं। उन्होंने ने कहा था कि वर्ष 1950 में वहां हुए निरीक्षण के दौरान भी कई ऐसी तस्वीर और ढांचे मिले थे, जिसके अनुसार उसे कभी भी एक वैध मस्ज़िद नहीं माना जा सकता। किसी भी मस्ज़िद में इस तरह के खंभे नहीं मिलते हैं।
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